भ्रष्टाचार है मेरे देश का दर्द,
करे जा रहा सब कुछ अनर्थ,
अगर रोका नही इसे अभी,
राख कर देगा देश को कभी,
अब ना होगी मेरी मेहनत से उनकी जेब गरम,
सेह लिया बहोत अब तक , एक होंगे हम सब,
ओ, भ्रष्टाचार... छोड के भगेगा अब तू देश हमारा,
शोख से निकालेंगे हम , जनाज़ा तुम्हारा...!
-મિત્ર
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