चल मेरे दोस्त आज ज़िंदगी जीते है,
कई दीन हो गये आज दोस्ती का जाम पीते है,
बिखरे लम्हो को समेट कर यारी की शॉल सीते है,
आज फिरसे छत पर जाके बारिश का पानी पीते है,
पुराना स्कूटर साफ करके सवारी पर निकलते है,
वही अपने अड्डे पे जाके चाइ पीते है,
रोमी आंटी का डोर बेल बजा के फिरसे भाग जाते है,
या फिर सुंसान सड़को पे पुराने नगमे गाते है,
चल मेरे दोस्त आज ज़िंदगी जीते है,
कई दीन हो गये आज दोस्ती का जाम पीते है..!
-मित्र गढवी
कई दीन हो गये आज दोस्ती का जाम पीते है,
बिखरे लम्हो को समेट कर यारी की शॉल सीते है,
आज फिरसे छत पर जाके बारिश का पानी पीते है,
पुराना स्कूटर साफ करके सवारी पर निकलते है,
वही अपने अड्डे पे जाके चाइ पीते है,
रोमी आंटी का डोर बेल बजा के फिरसे भाग जाते है,
या फिर सुंसान सड़को पे पुराने नगमे गाते है,
चल मेरे दोस्त आज ज़िंदगी जीते है,
कई दीन हो गये आज दोस्ती का जाम पीते है..!
-मित्र गढवी
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